भारत में एक बड़ी आबादी मजदूर वर्ग से आती है, जो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए संघर्ष करती है। इन्हीं श्रमिक परिवारों के बच्चों की शिक्षा को आसान बनाने के लिए सरकार ने निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत श्रमिक कार्ड धारकों के बच्चों को कक्षा 6वीं से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक पढ़ाई के लिए ₹4000 से लेकर ₹35000 तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इस ब्लॉग में हम आपको इस योजना की सभी जानकारी देंगे, ताकि आप इसका लाभ आसानी से उठा सकें।
श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना का मुख्य उद्देश्य
निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना का प्रमुख उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। मजदूरी करने वाले परिवारों के बच्चों को भी अब शिक्षा के समान अवसर मिल सकें, इसके लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत छात्रवृत्ति कक्षा 6 से शुरू होकर पोस्ट ग्रेजुएशन और प्रोफेशनल कोर्स तक दी जाती है। इसके माध्यम से श्रमिक वर्ग के बच्चे बिना किसी वित्तीय बोझ के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
श्रमिक विभाग द्वारा मिलने वाली छात्रवृत्ति का विवरण
इस योजना के तहत विभिन्न कक्षाओं और कोर्सेज के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है। कक्षा 6वीं से 8वीं तक पढ़ने वाले सामान्य छात्रों को ₹8000 और विशेष योग्यताओं वाले छात्रों को ₹9000 सालाना छात्रवृत्ति दी जाती है। वहीं कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सामान्य छात्रों को ₹9000 और विशेष छात्रों को ₹10000 वार्षिक छात्रवृत्ति मिलती है। आईटीआई पाठ्यक्रमों के लिए भी इसी प्रकार ₹9000 और ₹10000 की राशि निर्धारित है। डिप्लोमा कोर्स कर रहे सामान्य छात्रों को ₹10000 और विशेष छात्रों को ₹11000 मिलते हैं। स्नातक के सामान्य पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले छात्रों को ₹13000 और विशेष योग्यताओं वाले छात्रों को ₹15000 दिए जाते हैं। व्यावसायिक स्नातक कोर्स के लिए यह राशि ₹18000 और ₹20000 तक पहुँच जाती है। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए भी इसी तरह ₹15000 से ₹25000 तक की राशि उपलब्ध कराई जाती है।
मेधावी छात्रों के लिए विशेष नकद पुरस्कार
श्रमिक विभाग न केवल छात्रवृत्ति प्रदान करता है, बल्कि मेधावी छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के आधार पर नकद पुरस्कार भी देता है। कक्षा 8वीं से 9वीं में जाने वाले छात्रों को ₹4000, कक्षा 11वीं में प्रवेश लेने पर ₹6000, डिप्लोमा छात्रों को ₹10000, सामान्य स्नातक छात्रों को ₹8000 और स्नातकोत्तर छात्रों को ₹12000 का नकद प्रोत्साहन दिया जाता है। व्यावसायिक स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स करने वाले छात्रों के लिए यह पुरस्कार राशि क्रमशः ₹25000 और ₹35000 तक पहुंचती है। यह सहायता राशि छात्रों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करती है और उनके सपनों को पूरा करने में सहायक बनती है।
श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्रता शर्तें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ आवश्यक पात्रता शर्तों का पालन करना जरूरी है। सबसे पहले, आवेदक का माता या पिता श्रमिक विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होना चाहिए। यह योजना विशेष रूप से राजस्थान राज्य के निवासियों के लिए है, इसलिए स्थानीय निवासी होना अनिवार्य है। योजना के अंतर्गत केवल श्रमिकों के पुत्र या पुत्री को ही लाभ मिलेगा। विद्यार्थी को जिस कक्षा में पढ़ाई कर रहा है, वहां का प्रमाण पत्र प्रधानाचार्य से प्रमाणित होना चाहिए। साथ ही, पिछली कक्षा की मार्कशीट भी आवश्यक है। विद्यार्थी को रेगुलर मोड में पढ़ाई करनी चाहिए और कम से कम 75% अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त करना जरूरी है। योजना के तहत आयु सीमा 35 वर्ष से कम रखी गई है।
श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
आवेदन करते समय कुछ जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करना होता है। इसमें लाभार्थी का पहचान पत्र, बैंक खाता पासबुक की फोटोकॉपी, आधार कार्ड की प्रति, जन्म प्रमाण पत्र, कक्षा की मार्कशीट, प्रशिक्षण संस्थान के प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर शामिल हैं। इन दस्तावेजों के बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती, इसलिए सभी दस्तावेजों को सही ढंग से तैयार रखना आवश्यक है।
श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। सबसे पहले आवेदक को राजस्थान सरकार की एसएसओ आईडी पर लॉगिन करना होगा। वहां से एलडीएमएस एप्लीकेशन ओपन करनी होगी। इसके बाद वेलफेयर बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना के विकल्प का चयन करना होगा। फिर ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें सभी आवश्यक जानकारियां सही-सही दर्ज करनी होंगी। इसके साथ ही, सभी संबंधित दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना अनिवार्य है। आवेदन फॉर्म सबमिट करने से पहले सभी विवरणों की पुष्टि अवश्य करें ताकि किसी प्रकार की गलती न रह जाए।
निष्कर्ष
श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना 2025 मजदूर वर्ग के छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इससे न केवल उनके शैक्षणिक सपनों को पंख मिलते हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मजबूत कदम बढ़ाते हैं। यदि आप या आपके परिवार में कोई श्रमिक कार्ड धारक है और आपके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, तो इस योजना का पूरा लाभ उठाएं। सही समय पर आवेदन करके आप बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और उज्जवल बना सकते हैं। शिक्षा ही विकास का आधार है और सरकार द्वारा चलाई गई यह पहल निश्चित रूप से समाज के वंचित वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।