क्या UPI पर लगेगा 18% GST? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

UPI बन चुकी है डिजिटल भुगतान की रीढ़

आज के समय में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) भारत की अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय और सुविधाजनक माध्यम बन चुका है। चाहे किराने की दुकान हो या ऑनलाइन शॉपिंग, UPI का उपयोग हर जगह देखा जा सकता है। मार्च 2025 में ही UPI ट्रांजेक्शन्स का रिकॉर्ड ₹24.77 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो दर्शाता है कि देश में डिजिटल लेन-देन कितनी तेजी से बढ़ रहा है।

GST की अफवाहों से फैली चिंता



हाल ही में कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर तेजी से फैलने लगी कि UPI ट्रांजेक्शन्स, खासकर ₹2000 से अधिक के लेन-देन पर 18% GST लगाया जाएगा। इस खबर ने लोगों में भ्रम और चिंता पैदा कर दी, खासकर उन लोगों के बीच जो रोज़ाना UPI के माध्यम से पेमेंट करते हैं। लेकिन क्या वाकई सरकार UPI ट्रांजेक्शन पर टैक्स लगाने जा रही है?

एक्सपर्ट्स की राय: टैक्स नहीं, प्लेटफॉर्म फीस पर लगेगा GST

MIRA मनी के को-फाउंडर आनंद के. राठी का कहना है कि यह सोचना गलत है कि ₹2000 से अधिक के ट्रांजेक्शन पर सीधा GST लगेगा। असल में, UPI सेवाएं प्रदान करने वाले प्लेटफॉर्म जैसे PhonePe, Google Pay या Paytm किसी सेवा शुल्क की मांग कर सकते हैं, और उस शुल्क पर 18% GST लगेगा, न कि पूरे ट्रांजेक्शन अमाउंट पर।

वह यह भी स्पष्ट करते हैं कि UPI एक बैंक-टू-बैंक ट्रांसफर सिस्टम है और आमतौर पर बैंक ट्रांसफर पर कोई टैक्स नहीं लगता। यदि कोई सर्विस फीस होती है, जैसे कि महीने में ट्रांजेक्शन की लिमिट पार होने पर या किसी विशेष बैंक में ट्रांसफर करने पर, तो उसी फीस पर टैक्स लगाया जाता है।

डिजिटल अर्थव्यवस्था को झटका दे सकता है यह कदम

Finkeda के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष कुमार गोयल का मानना है कि अगर सरकार सच में UPI ट्रांजेक्शन्स पर टैक्स लगाती है, तो यह भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति को एक बड़ा झटका दे सकता है। खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग पहली बार डिजिटल भुगतान के संपर्क में आए हैं, उनके लिए यह सुविधा महंगी और मुश्किल हो सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पिछले कुछ सालों में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत कई प्रयास किए हैं जिससे UPI को एक बड़ा बढ़ावा मिला है। ऐसे में इस पर टैक्स लगाने का फैसला उन सभी कोशिशों को कमजोर कर देगा।

छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स पर पड़ेगा सीधा असर

SCOPE के संस्थापक अप्पल्ला साईकिरण ने चेतावनी दी कि यदि UPI ट्रांजेक्शन पर टैक्स लगाया गया, तो इसका असर छोटे व्यापारियों और फिनटेक स्टार्टअप्स पर सीधा पड़ेगा। UPI की सबसे बड़ी ताकत इसकी सस्ती और सुलभ प्रकृति है, और उस पर टैक्स लगाना इस पूरे सिस्टम को असंतुलित कर सकता है।

साथ ही, टेकजॉकी के को-फाउंडर आकाश नांगिया का कहना है कि भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम छोटे दुकानदारों और आम जनता के लिए एक नया रास्ता बना रहा है। इस पर टैक्स लगाने से खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में डिजिटल पेमेंट की रफ्तार धीमी हो सकती है।

सरकार का रुख और संभावनाएं

फिलहाल, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि UPI ट्रांजेक्शन पर 18% GST लगेगा। सरकार अभी भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। RBI और NPCI जैसे संस्थान UPI के दायरे को और भी बड़ा बनाने में जुटे हैं, जिससे लोगों को आसान और मुफ्त भुगतान की सुविधा मिलती रहे।

इसके अलावा, यह भी गौरतलब है कि मौजूदा समय में GST केवल विशेष सेवा शुल्क पर लागू होता है, न कि पूरे भुगतान पर। इसलिए, जब तक सरकार की ओर से कोई स्पष्ट सूचना नहीं आती, तब तक इस मुद्दे को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।

निष्कर्ष: अफवाहों से रहें सावधान, आधिकारिक सूचना का करें इंतजार

UPI भारत की डिजिटल क्रांति का प्रतीक बन चुका है और फिलहाल इसे टैक्स के दायरे में लाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स और अफवाहों से भ्रमित होने के बजाय हमें एक्सपर्ट्स की बातों और सरकार की आधिकारिक घोषणाओं पर ध्यान देना चाहिए।

अगर किसी तरह का सेवा शुल्क भविष्य में लागू भी होता है, तो वह केवल प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर होगा, न कि ट्रांजेक्शन के पूरे अमाउंट पर। इसलिए फिलहाल UPI के उपयोग को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, बल्कि डिजिटल लेन-देन को और अधिक अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।