टॉप लश्कर कमांडर अल्ताफ लल्ली ढेर, पाकिस्तान को डबल झटका – PSX क्रैश और राफेल डील से भारत का बड़ा वार

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अल्ताफ लल्ली का अंत

भारत ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात टॉप कमांडर अल्ताफ लल्ली को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में मार गिराया है। यह ऑपरेशन विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर अंजाम दिया गया और इसे सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। अल्ताफ लल्ली घाटी में कई आतंकी हमलों और हत्याओं में शामिल रहा है। पिछले कुछ महीनों में सुरक्षा बलों ने जिस प्रकार से आतंक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, यह कार्रवाई उसी रणनीति का हिस्सा थी।

26 लोगों की जान लेने वाले हमले के बाद आया बड़ा एक्शन



हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए एक हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। उसके बाद से ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट थीं। अल्ताफ लल्ली को इस हमले के लिए भी जिम्मेदार माना जा रहा था। उसके मारे जाने को भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ कहा जा रहा है। इस ऑपरेशन से न केवल आतंकवादियों के मनोबल पर असर पड़ा है, बल्कि उनके नेटवर्क को भी कमजोर किया गया है।

पाकिस्तान को दूसरा झटका – पाकिस्तानी स्टॉक मार्केट बुरी तरह क्रैश


जहां एक ओर भारत आतंक के खिलाफ मजबूत कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में 4,700 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी एक-दिनी गिरावट मानी जा रही है। इस भारी गिरावट के बाद स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट तक क्रैश हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार इस गिरावट का मुख्य कारण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेतावनी है, जिसमें उन्होंने सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। इसके बाद निवेशकों में घबराहट फैल गई और भारी बिकवाली देखने को मिली।

पीएम मोदी की चेतावनी से हिली पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था


पीएम मोदी ने हाल ही में एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि भारत अब आतंकवाद को सहन नहीं करेगा और आवश्यक हुआ तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। उनकी इस चेतावनी के तुरंत बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे सुरक्षा संकट की आशंका और राजनीतिक अस्थिरता भी एक बड़ा कारण है।

भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल-M लड़ाकू विमानों की डील पक्की


इन सभी घटनाओं के बीच भारत ने अपनी सामरिक शक्ति को और मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा समझौता भी तय कर लिया है। 26 राफेल मरीन (Rafale-M) लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस सोमवार को ₹63,000 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर करेंगे। यह लड़ाकू विमान भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए INS Vikrant जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात किए जाएंगे।

भारतीय नौसेना की ताकत होगी कई गुना अधिक


राफेल-M की खास बात यह है कि ये विमान विशेष रूप से समुद्री अभियानों के लिए डिजाइन किए गए हैं और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हैं। इन विमानों की तैनाती के बाद भारतीय नौसेना को अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में और अधिक मजबूती मिलेगी। यह डील भारत की विदेश नीति और रक्षा नीति की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे यह साफ होता है कि भारत न केवल आतंकी खतरों का जवाब देने में सक्षम है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी सैन्य उपस्थिति को भी मजबूती से दर्ज करवा रहा है।

आतंक, अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति – तीनों मोर्चों पर भारत की जीत


एक ही दिन में भारत ने आतंकवाद, आर्थिक कूटनीति और सैन्य शक्ति – तीनों मोर्चों पर बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। लश्कर कमांडर अल्ताफ लल्ली की मौत, पाकिस्तान की स्टॉक मार्केट का क्रैश और राफेल डील जैसे कदम यह साबित करते हैं कि भारत अब 'न्यू इंडिया' की राह पर है, जहां आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की सुरक्षा सर्वोपरि होगी।

निष्कर्ष: भारत का स्पष्ट संदेश – आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस


इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो चुका है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अब और अधिक कठोर रुख अपनाने जा रहा है। चाहे वो आतंकी हो या सीमा पार से भेजे गए चरमपंथी, अब उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं होगी। साथ ही, सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी और आर्थिक दबाव के जरिए भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी स्थिति को और अधिक मजबूत कर रहा है।