राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) से परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पहली बार राजस्थान बोर्ड ने परीक्षा परिणामों को लेकर छात्रों की असंतुष्टि को गंभीरता से लेते हुए कॉपी रिचेकिंग की नई प्रक्रिया शुरू की है। यह कदम ना केवल छात्रों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि इससे परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता भी और अधिक मजबूत होगी।
कॉपी रिचेकिंग का मतलब और नई व्यवस्था
अब तक राजस्थान बोर्ड में केवल री-टोटलिंग (Retotalling) की सुविधा उपलब्ध थी। यानी परीक्षक द्वारा दिए गए अंकों की दोबारा गणना कर यह देखा जाता था कि कहीं कोई जोड़-घटाव में गलती तो नहीं हुई। लेकिन अब पहली बार रिचेकिंग (Rechecking) की सुविधा भी दी जा रही है जिसमें परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका को दोबारा मूल्यांकन किया जाएगा। इसका सीधा फायदा यह होगा कि यदि किसी उत्तर में अंक गलत दिए गए हैं, तो उन्हें बढ़ाया या घटाया जा सकेगा।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश के बाद बोर्ड ने इस सुविधा को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया है। वर्ष 2025 में यह केवल कक्षा 10वीं के गणित विषय में लागू की जाएगी। यदि इसके परिणाम सकारात्मक आते हैं, तो इसे भविष्य में सभी विषयों पर लागू किया जा सकता है।
रिटोटलिंग और रिचेकिंग में अंतर क्या है?
अक्सर विद्यार्थी और अभिभावक इन दोनों प्रक्रियाओं में भ्रमित हो जाते हैं। रिटोटलिंग केवल अंकों के जोड़ की प्रक्रिया है, जिसमें उत्तर पुस्तिका को दोबारा नहीं देखा जाता, बल्कि यह चेक किया जाता है कि कहीं टोटल करते समय कोई गलती तो नहीं हुई। वहीं रिचेकिंग एक पूर्ण पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया है जिसमें उत्तर पुस्तिका के हर उत्तर को दोबारा जाँचा जाता है और यदि किसी उत्तर को गलत तरीके से जांचा गया हो या नंबर कम दिए गए हों तो उन्हें ठीक किया जाता है।
इस प्रकार रिचेकिंग छात्रों को न्याय दिलाने की एक और सशक्त प्रक्रिया बनती है, जिससे बोर्ड परीक्षा की पारदर्शिता और विश्वसनीयता दोनों में सुधार होगा।
सीबीएसई पैटर्न की ओर एक कदम
राजस्थान बोर्ड अब देश के अन्य प्रतिष्ठित बोर्ड जैसे कि CBSE की नीतियों को भी अपनाने की कोशिश कर रहा है। रिचेकिंग प्रक्रिया का पैटर्न समझने के लिए अलग से एक टीम का गठन किया गया है। यह टीम CBSE और अन्य राष्ट्रीय बोर्ड की रिचेकिंग प्रक्रिया का अध्ययन कर रही है, ताकि राजस्थान बोर्ड में भी छात्र हित में वैसी ही सुविधाएं दी जा सकें।
बोर्ड सचिव के अनुसार, रिचेकिंग के साथ-साथ रिटोटलिंग की प्रक्रिया भी बरकरार रखी जा सकती है या फिर भविष्य में केवल रिचेकिंग को ही प्राथमिकता दी जा सकती है। इस पर अंतिम निर्णय आगे लिया जाएगा।
विद्यार्थियों और अभिभावकों की पुरानी मांग हुई पूरी
लंबे समय से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की यह मांग रही है कि रिचेकिंग के नाम पर केवल अंकों का टोटल कर देना पर्याप्त नहीं है। उनका कहना था कि उत्तर पुस्तिका के हर उत्तर की दोबारा जांच होनी चाहिए, ताकि किसी गलती की गुंजाइश न रह जाए। बोर्ड की यह नई पहल इस मांग की पूर्ति की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो यह न केवल कक्षा 10वीं के गणित विषय तक सीमित रहेगा, बल्कि सभी विषयों में यह सुविधा दी जा सकती है, जिससे परीक्षा परिणामों की शुद्धता सुनिश्चित होगी।
रिचेकिंग प्रक्रिया के लिए कैसे करें आवेदन?
बोर्ड ने फिलहाल आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का विचार किया है, जिससे छात्र आसानी से घर बैठे अपनी उत्तर पुस्तिका की रिचेकिंग के लिए आवेदन कर सकें। छात्र को एक निश्चित शुल्क जमा कर रिचेकिंग के लिए अनुरोध करना होगा। आवेदन प्रक्रिया, शुल्क और समय-सीमा से संबंधित विस्तृत जानकारी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही जारी की जाएगी।
राजस्थान बोर्ड परीक्षा 2025 का आंकलन
वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में कुल 19,98,509 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 10वीं कक्षा के लिए 10,16,963 छात्र परीक्षा में शामिल हुए हैं। 10वीं की परीक्षाएं 6 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक और 12वीं की परीक्षाएं 6 मार्च से 7 अप्रैल 2025 तक आयोजित की गई हैं। बोर्ड का रिजल्ट मई के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक जारी होने की संभावना है।
छात्रों के लिए क्या होगा लाभ?
रिचेकिंग की सुविधा छात्रों को मानसिक संतोष और पारदर्शिता प्रदान करेगी। इससे जहां छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, वहीं बोर्ड की साख भी और मजबूत होगी। खासतौर पर उन छात्रों को बहुत लाभ होगा जो मानते हैं कि उनकी उत्तर पुस्तिका में सही मूल्यांकन नहीं हुआ है। यह पहल छात्रों को मानसिक रूप से भी राहत देगी, खासकर उन परीक्षार्थियों को जो परिणाम से निराश हो जाते हैं।
निष्कर्ष: नया युग, नई व्यवस्था
राजस्थान बोर्ड की रिचेकिंग प्रक्रिया एक ऐतिहासिक कदम है जो राज्य की परीक्षा प्रणाली को एक नई दिशा में ले जाने का संकेत है। यदि यह सफल होता है तो यह न केवल राजस्थान, बल्कि देशभर के अन्य राज्य बोर्डों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। यह व्यवस्था छात्रों के हितों की रक्षा करेगी और परीक्षा प्रणाली में विश्वास को बढ़ावा देगी।
अगर आप इस विषय से संबंधित और अधिक जानकारी चाहते हैं या रिचेकिंग प्रक्रिया शुरू होने पर आवेदन करना चाहते हैं, तो राजस्थान बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना न भूलें।
RBSE Official Website: rajeduboard.rajasthan.gov.in
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