राजस्थान में सस्ती होगी बिजली: स्मार्ट मीटर योजना से जुड़े 1.43 करोड़ उपभोक्ता – जानिए पूरी जानकारी

राजस्थान सरकार ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की है। ‘स्मार्ट मीटर योजना’ के तहत अब प्रदेश के हर घर, दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री में स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य किया जाएगा। सरकार की मंशा न केवल तकनीक को बढ़ावा देने की है, बल्कि उपभोक्ताओं को बिजली पर सीधी छूट देने की भी है।

स्मार्ट मीटर योजना क्या है?



राजस्थान सरकार ने राज्य के तीनों बिजली वितरण कंपनियों – जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम – के माध्यम से कुल 1.43 करोड़ उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देने की योजना बनाई है। स्मार्ट मीटर एक आधुनिक डिजिटल मीटर होता है, जो उपभोक्ता की बिजली खपत को रियल टाइम में रिकॉर्ड करता है। इसे मोबाइल ऐप से जोड़ा जा सकता है जिससे उपभोक्ता अपने बिजली खर्च पर निगरानी रख सके।

स्मार्ट मीटर से कैसे सस्ती होगी बिजली?

स्मार्ट मीटर लगाने के बाद अगर उपभोक्ता प्रीपेड सिस्टम को अपनाते हैं, तो उन्हें हर यूनिट पर 15 पैसे की छूट दी जाएगी। यानी अगर कोई उपभोक्ता “पहले भुगतान, फिर बिजली” वाला विकल्प चुनता है, तो उसकी बिजली कुछ हद तक सस्ती हो जाएगी। यह छूट खासकर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगी।

कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा

इस योजना के तहत उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति या एजेंसी पैसे की मांग करती है, तो उपभोक्ता टोल फ्री नंबर 1912 या 18001806507 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा स्मार्ट मीटर लगवाने के समय संबंधित वर्क ऑर्डर और कर्मचारी का आईडी कार्ड जरूर चेक करना चाहिए।

बिजली मित्र ऐप से होगी निगरानी

स्मार्ट मीटर को मोबाइल ऐप ‘बिजली मित्र’ से जोड़ा जाएगा, जो एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। इस ऐप से उपभोक्ता रियल टाइम में अपनी बिजली खपत, बैलेंस और रिचार्ज की जानकारी देख सकेंगे। यह ऐप उपभोक्ताओं को उनकी खपत पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा और अनावश्यक खर्च को रोक सकेगा।

स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को क्या फायदे मिलेंगे?

स्मार्ट मीटर एक ऐसा उपकरण है जो उपभोक्ता की बिजली खपत को न केवल मापता है बल्कि उसे ट्रैक भी करता है। इससे बिजली की बर्बादी को रोका जा सकता है, बिलिंग में पारदर्शिता आएगी, और फॉल्ट या बिजली गुल होने की जानकारी तुरंत बिजली वितरण कंपनी तक पहुंच जाएगी। ऑटोमेटेड बिलिंग की सुविधा से रीडिंग लेने के लिए किसी कर्मचारी की आवश्यकता नहीं होगी।

डिस्कॉम वार मीटर संख्या और लागत

राज्य के तीनों प्रमुख डिस्कॉम क्षेत्रों में स्मार्ट मीटरों की संख्या और इन पर आने वाली लागत इस प्रकार होगी:

जयपुर डिस्कॉम: 47.63 लाख मीटर – ₹3138 करोड़
अजमेर डिस्कॉम: 54.32 लाख मीटर – ₹3663 करोड़
जोधपुर डिस्कॉम: 40.80 लाख मीटर – ₹2877 करोड़

इन मीटरों की स्थापना कार्य जल्द शुरू किया जाएगा और इसका पहला चरण जून 2025 से शुरू होगा।

चरणबद्ध तरीके से होगा क्रियान्वयन

स्मार्ट मीटर योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में शहरी क्षेत्रों और अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को शामिल किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर लगाए जाएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट को 2026 के अंत तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रीपेड सिस्टम: बिजली पर नियंत्रण और बचत

प्रीपेड सिस्टम के तहत उपभोक्ता पहले रिचार्ज कर बिजली इस्तेमाल करते हैं। इससे उन्हें अपने मासिक खर्च को कंट्रोल करने में आसानी होगी और बिजली की बर्बादी पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। इसके साथ ही ओवरचार्जिंग या अधिक बिल जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी।

उपभोक्ताओं को सलाह: रहें सतर्क

सरकार ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे किसी भी प्रकार की अनधिकृत वसूली से बचें। किसी भी प्रकार की शिकायत हो तो संबंधित डिस्कॉम कार्यालय या बिजली मित्र ऐप पर संपर्क करें। मीटर लगवाते समय वर्क ऑर्डर या संबंधित अधिकारी का आईडी कार्ड जरूर जांचें।

निष्कर्ष

राजस्थान सरकार की यह स्मार्ट मीटर योजना एक क्रांतिकारी पहल है जो तकनीक और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए बिजली की बचत, सही बिलिंग और उपभोक्ताओं की जागरूकता सुनिश्चित की जा सकेगी। अगर यह योजना सफल होती है, तो अन्य राज्य भी इसका अनुसरण कर सकते हैं।

👉 जल्द ही स्मार्ट मीटर लगवाएं और पाएं हर यूनिट पर छूट, ज्यादा जानकारी के लिए विजिट करें अपनी डिस्कॉम की वेबसाइट या डाउनलोड करें 'बिजली मित्र' ऐप!