भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी मीडिया चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के तहत अब देश में किसी भी सैन्य अभियान या आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का लाइव कवरेज करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर हिंदू तीर्थयात्री थे।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार का कड़ा रुख
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस भीषण घटना के बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल फैल गया। इस हमले की जिम्मेदारी ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ नामक एक नए आतंकी संगठन ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जा रहा है। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर इस हमले में आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है, हालांकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
इस हमले के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों में कटौती कर दी है। इसके साथ ही भारत ने इंडस जल संधि को निलंबित कर दिया है और सीमा पार आवागमन पर भी रोक लगा दी है। यह कदम देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
Ministry of Information and Broadcasting issues advisory to all Media channels to refrain from showing live coverage of defence operations and movement of security forces in the interest of national security. pic.twitter.com/MQjPvlexdr
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) April 26, 2025
मीडिया के लिए नई एडवाइजरी: लाइव कवरेज पर रोक
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे किसी भी सैन्य अभियान, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई या सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव या रीयल-टाइम कवरेज नहीं करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि लाइव कवरेज से सुरक्षा बलों की रणनीति उजागर हो सकती है, जिससे अभियान की सफलता और जवानों की जान खतरे में पड़ सकती है।
यह निर्देश केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) के तहत जारी किया गया है, जिसमें पहले से ही आतंकवाद विरोधी अभियानों के लाइव प्रसारण पर रोक लगाने का प्रावधान है। सरकार ने सभी प्रसारण और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस नियम का सख्ती से पालन करने को कहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि
सरकार ने इस कदम का औचित्य स्पष्ट करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी भी सैन्य अभियान के दौरान रणनीति, हथियारों की स्थिति और सैनिकों की तैनाती जैसी संवेदनशील जानकारियों का सार्वजनिक होना, अभियान की सफलता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इससे न केवल सुरक्षा बलों की जान खतरे में पड़ती है, बल्कि देश की अखंडता और संप्रभुता भी प्रभावित हो सकती है।
पहले भी कई बार ऐसा देखा गया है कि मीडिया द्वारा की गई लाइव रिपोर्टिंग ने सुरक्षा अभियानों को बाधित किया है। सरकार ने कंधार अपहरण कांड, 26/11 मुंबई आतंकी हमला और कारगिल युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि उन समयों पर मीडिया कवरेज ने सुरक्षा बलों के अभियानों को प्रभावित किया था। इसी तरह की गलतियों को दोहराने से बचने के लिए सरकार ने अब स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारी
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में मीडिया को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सरकार ने मीडिया से आग्रह किया है कि वे इस एडवाइजरी का पालन करें और सैन्य अभियानों के दौरान संयम बरतें। किसी भी प्रकार की लाइव कवरेज से बचें और केवल सरकार या अधिकृत एजेंसियों द्वारा जारी की गई जानकारी को ही सार्वजनिक करें।
इस एडवाइजरी से यह भी स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यदि कोई चैनल या प्लेटफॉर्म नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल सुरक्षा बलों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि देशवासियों में विश्वास बनाए रखने के लिए भी अनिवार्य है।
निष्कर्ष: देशहित में लिया गया सही कदम
भारत सरकार द्वारा सैन्य अभियानों के लाइव कवरेज पर लगाई गई रोक एक स्वागतयोग्य कदम है। यह निर्णय देश की सुरक्षा, जवानों की जान और अभियानों की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था। मीडिया की आजादी महत्वपूर्ण है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर नहीं। ऐसे समय में मीडिया से अपेक्षा की जाती है कि वह जिम्मेदारी से काम करे और संवेदनशील मामलों में संयम का परिचय दे।
यदि आप सरकार द्वारा जारी की गई पूरी एडवाइजरी पढ़ना चाहते हैं, तो आप सूचना और प्रसारण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसे देख सकते हैं: सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एडवाइजरी