कश्मीर में आतंकी हमला और उसका असर
पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर एक बार फिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका था। धारा 370 हटने के बाद घाटी में शांति का माहौल बना था और देश-दुनिया से लाखों लोग कश्मीर की खूबसूरती देखने पहुँच रहे थे। लेकिन हाल ही में पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने इस शांति को एक बार फिर खतरे में डाल दिया है। इस हमले में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना घाटी में दहशत का माहौल बना रही है, जिससे पर्यटक अपने दौरे को बीच में छोड़कर लौटने को मजबूर हो रहे हैं।
पर्यटकों में भय का माहौल, हो रही हैं बुकिंग रद्द
हमले के तुरंत बाद, कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ अचानक कम हो गई है। होटल बुकिंग्स को लेकर काम कर रहे कई ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि 70% से अधिक बुकिंग्स रद्द हो चुकी हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे इलाकों में टूरिस्ट्स अपने होटलों से निकलकर जल्दी-जल्दी फ्लाइट्स और बसों के जरिए घाटी छोड़ रहे हैं।
पीएम मोदी की तत्काल प्रतिक्रिया, दिल्ली एयरपोर्ट पर ही बुलाई आपात बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हमले की गंभीरता को समझते हुए अपने विदेश दौरे से लौटते ही सीधे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे और वहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में हमले की जिम्मेदारी तय करने और जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री की सक्रियता से यह स्पष्ट है कि सरकार इस हमले को हल्के में नहीं ले रही।
CCS की बैठक में लिए जाएंगे अहम फैसले
आज दोपहर प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सहित शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सीमा पार से आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं, साथ ही जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की योजना भी बनाई जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: डोनाल्ड ट्रंप का फोन आया पीएम मोदी को
इस हमले के बाद भारत को अमेरिका से भी समर्थन मिला है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और भारत को हरसंभव सहयोग देने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस तरह के कायराना हमलों के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। इस बयान को भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।
कश्मीर का पर्यटन उद्योग फिर संकट में
जहां एक ओर कश्मीर में हाल ही में रिकॉर्ड 1.62 करोड़ पर्यटकों ने घाटी का दौरा किया था, वहीं यह हमला पर्यटन उद्योग के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। होटल, टैक्सी, गाइड, हाउसबोट और अन्य पर्यटन सेवाओं से जुड़े हजारों लोगों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यदि जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो घाटी का पर्यटन दोबारा ठप हो सकता है।
सरकार की चुनौतियाँ और संभावित रणनीति
केंद्र सरकार के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। एक तरफ उसे आतंकी हमले का जवाब देना है, वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर की जनता और पर्यटकों के मन में सुरक्षा का विश्वास भी बहाल करना है। सरकार घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर रही है और सभी संवेदनशील इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही यह संभावना जताई जा रही है कि भारत सीमा पार से आतंक फैलाने वाले संगठनों और उनके आकाओं के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकता है।
जनता का सवाल: कब तक सहेंगे ये हमले?
देश की जनता अब यह सवाल कर रही है कि आखिर कब तक आतंकी ताकतें इस तरह हमारे लोगों की जान लेती रहेंगी। सोशल मीडिया पर लोग सरकार से निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। #PahalgamAttack और #JusticeForVictims जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
निष्कर्ष: क्या फिर से उठ खड़ा होगा कश्मीर?
घाटी पर एक बार फिर आतंक के साए ने हमला बोला है। लेकिन इतिहास गवाह है कि कश्मीर ने हर बार ऐसी त्रासदियों से उबर कर खुद को मजबूत किया है। सरकार की सक्रियता, सेना की सख्ती और जनता के सहयोग से उम्मीद की जा सकती है कि कश्मीर एक बार फिर शांति, विकास और पर्यटन के रास्ते पर लौटेगा।
यह घटना हमारे लिए एक चेतावनी भी है कि हमें हर समय सतर्क रहना होगा, ताकि भविष्य में ऐसा कोई हमला दोबारा न हो पाए।
(यह ब्लॉग सच्ची घटनाओं और आधिकारिक समाचार स्रोतों पर आधारित है, किसी भी भ्रामक जानकारी से परहेज किया गया है)